गुरुवार, 1 सितंबर 2016

सूचना
    बंधुओं हमारे समाज में अलग-अलग क्षेत्रों में अनेक सांधु-संत हुये हैं, जिनके बारे में हामरे पूरे समाज को जानकारी नहीं है। आप कृपया ऐसे संतों के बारे में जितनी जानकारी उपलब्ध हो, उससे अवगत करवायें। हो सके तो उनका फोटो या उनके स्थान का फोटो आदि भी उपलब्ध करवा सकते हैं। उनकी जयंती या बरसी की तिथि आदि भी भिजवायें। आप यह जानकारी मेल या व्हाट्सअप से भी भेज सकते हैं।
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नागौर जिला स्तरीय सैनी समाज प्रतिभा सम्मान समारोह 18 सितम्बर को
      डीडवाना। आल इंडिया युवा माली समाज नागौर की बैठक जिला अध्यक्ष  एडवोकेट दिलीप सिंह सैनी व डीडवाना अध्यक्ष  रामगोपाल तुनवाल की अध्यक्षता में आयोजित की गई। बैठक मे निर्णय लिया गया कि  सैनी समाज नागौर जिले का वार्षिक प्रतिभा सम्मान समारोह  डीडवाना के मलियाना सूर्य मन्दिर मे 18 सितम्बर को सुबह 10 बजे होगा, जिसमे 10 वी  12 वीं मे 75 प्रतिशत व यूजी मे 60 व पीजी मे 55 प्रतिशत अंक प्राप्त प्रतिभाएं  सम्मानित की जायेंगी।  बैठक मे राष्ट्रीय कार्यकरणी सदस्य डॉ. गणेश सैनी, युवा प्रदेश प्रभारी व महामंत्री दिनेश गहलोत, महामंत्री विजय कुमार टाक, जिला महामन्त्री ओमप्रकाश चौहान, मीडिया प्रभारी अनिल भाटी, पंकज बालिया, छ: गाँव अध्यक्ष मंजु सैनी मकराना, जेएसएम के प्रतिनिधि अखराज़ व राजेश सोलंकी, मुकेश टाक, सचिव  रामदेव गहलोत आदि उपस्थित थे।
समाज के हित में बदला जावे इस ताकत को     
   नागौर की ग्राम पंचायत ताऊसर के हाल ही में उपचुनाव समपन्न किये गये हैं, लेकिन इन चुनावों पर बने माहौल को देखकर यह चुनाव कहीं पर भी किसी विधानसभा चुनाव से कम नहीं लग रहा था। इस चुनाव में जितना पैसा खर्च किया गया वह धन एक विधानसभा चुनाव के लिये पर्याप्त होगा। इन पंचायत चुनावों मेंं माली समाज के ही दो धड़े आपस में भिड़ते हैं। अगर यहां सामने कोई दूसरा होता तो चुनवा लडऩे का मजा ही कुछ और आता, लेकिन इसमें तो जो भी जीत जावे, वो माली ही तो होना है। लेकिन ताऊसर गांव में जितनी धड़बाजी समाज व सामाजिक, राजनीतिक हलके में है, वह खतरनाक है। पिछले काफी बरसों से यह गुटबाजी चल रही है। कभी भवंरलाल संगम और मांगीलाल भाटी के गुट थे, वे दोनों ही खुद शांत हो गये, लेकिन उनके धड़े आज तक नहीं टूट पाये। पूरे नागोर जिले में और आस पास के क्षेत्र में इन दोनों गुटों को एक करने वाला आज तक कोई सामने नहीं आ पाया।
        इन चुनावों में श्री कृपाराम देवड़ा बनाम श्री किरपा राम सोलंकी के धड़े हैं, जिनमें देवड़ा के उमीदवार रहे श्री आसुराम भाटी व सोलंकी का उमीदवार रहे सतीश सांखला। इस बार इनमें देवड़ा गुट भारी रहा और अच्छे मतों से जीत हासिल की। श्री आशाराम भाटी 317 मतों के अंतर से विजयी रहे, उन्होंने श्री सतीश सांखला को पराजित किया।
     ताऊसर ग्राम पंचायत के ये चुनाव नागौर जिले की राजनीतिक हस्तियों को भी अपनी तरफ खेंचते हैं, तो लगभग सभी राजनीतिक दल भी इसमें पूरी रूचि लेते हैं। चुनावों में इस बार सोशल मीडिया का भी खुलकर इस्तेमाल किया गया। व्हाट्सअप, ट्विटर और फेसबुक इन चुनावों के सम्बंध में नित नई टिप्पणियों से भरे नजर आये। कुछ टिप्पणियों  बिना कोइ्र पक्ष-विपक्ष की राय जताये और सेंडर का नाम या मोबाइ्रल नम्बर दिये बिना यहां प्रस्तुत हैं ताकि पाठकों को इन चुनावों के बारे मेंं कुछ जानकारी मिल सके और समाज के लोग उनके आधार पर दोनों पक्षों को आगामी विधानसभा चुनावों के लिये एक कर सके।-
      - आज नागौर में ताऊसर पंचायत में चुनाव माली समाज के दो गुट आमने सामने हैं,  करोड़ो रूपये खर्च हुये हैं, वे बांट दिये गए हैं वोटरो को। चुनाव में मतदान में हिस्सा लेने के लिये 700 लोगों को  हवाई जहाज से बुला लिया गया है और कितने ही ट्रेनों से। आखिर एक पंचायत चुनाव हैं, यह तो खाली अहम की लड़ाई लग रही है।
      - ताऊसर पंचायत चुनाव को अहम की लड़ाई मानकर लडऩा, यह लोकतंत्र का खुला मजाक है। यह लोकतांत्रिक व्यवस्था न होकर धनतंत्र की व्यवस्था है। चुनावों के दौरान समाज को पूरी सावधानी रखनी होगी। समाज में मनमुटाव व संघर्ष न हो, यह वहाँ के प्रबुद्ध समाज बंधुओं की नैतिक जिम्मेदारी बनती है ।
     - हम लोग चाहकर भी नहीं रोक सकते हैं। अलग अलग गुट करोड़ो रूपये भी चंदा इकट्टा करके चुनाव लड़ रहे हैं। यह चुनाव प्रशासन के लिए भी चुनौती बना हुआ है, ईटीवी राजस्थान भी इसकी न्यूज प्रसारित कर रहा है।
     - हैदरावाद से माली समाज के 1300 वोटर आये नागौर में ताऊसर सरपंच उप चुनाव में वोट देने 6 फ्लाइट व 10 बोगी बुक, कुल आने जाने का खर्चा करीब 90 लाख आएगा।
    - मतदान स्थल पर पहुंच रहे है वॉल्वो व लग्जरी गाडिय़ों के काफिले, ई-टीवी में चल रही है माली जाति के दोनों उमीदवारों के इस चुनाव की खबर। ताऊसर में देवड़ा परिवार में है अशोक जी गहलोत का ननिहाल।
    - माली समाज के समझदार लोगों ने निर्विरोध चुनाव का किया था प्रयास, लेकिन ओछी राजनीती और अहम की लड़ाई ने खर्च करवाये करीब 5 करोड़। इन रुपयों से लड़ा जा सकता है 5 विधान सभा चुनाव
     - एक तरफ है माली समाज अध्यक्ष कृपाराम देवड़ा का खेमा दूसरी तरफ है नागौर सभापति कृपाराम सोलंकी का खेमा।
     - राजस्थान प्रदेश स्तर के नेताओं को समय रहते ध्यान देना होगा, इस लड़ाई को समाप्त किये बिना नागौर से माली को विधायक बनाना मुश्किल ही नहीं ना मुमकिन हो जायेगा। समय रहते अगर मालियों को एक कर लिया गया तो अगला एक विधायक पक्का।
     - इन दोनों के कुछ नहीं लग रहा है, ना ही उमीदवारों का लग रहा है। दोनों तरफ से ग्रुप बने हुए हैं- जिनका नाम इन मालियों ने पार्टी दे रखा है। एक है संगम पार्टी, जो भँवर लाल जी संगम के नाम से हे दूसरी है मांगीलाल जी भाटी के नाम से भाटी पार्टी। इन पार्टियों से जुड़े लोगों से लिये चंदे से चुनाव लड़ा जाता है। पंचायत राज की स्थापना नागौर में ताऊसर से हुई थी उसी समय से ये भाटी पार्टी और संगम पार्टी बन गई थी, जो आज भी बनी हुई है जब भँवर लाल जी संगम ने मुंडवा से विधायक चुनाव लड़ा उस समय समाज एक हो गया था। मात्र 2500 वोटो से हार गए थे संगम साहब। वे पूर्व मंत्री राजेंद्र गहलोत के ससुर थे।
        इनके अलावा बहुत सारी प्रतिक्रियायें सोशल मीडिया पर हैं, पर सारी नहीं दी जा सकती। कुछ चुनिन्दा ही प्रसतुत की गई हैं। अब समाज के धुरन्धरों को सोचना है कि इस ताकत को अगले विधानसभा चुनावों तक समाज की एकजुट ताकत में कैसे बदला जावे।
- निर्मल आर्य, सम्पादक, SAINI MALI TIMES,  LADNUN (RAJ.)
    ताऊसर में भाटी की शानदार जीत 
 ताऊसर (नागौर)। किसी विधानसभा चुनाव से भी अधिक रोचक व बेहद खर्चीला चुनाव होता है ताऊसर का। इस बार भी भारी खेंंचतान व हैदराबार व सूरत आदि जगहों से हवाई जहाज, ट्रेन आदि से करीब एक हजार आये मतदाताओं ने अपना वोट देकर नतीजों को प्रभावित किया। इस चुनाव में 317 मतो ंसे श्री आशाराम भाटी ने श्री सतीश सांखला को पराजित किया। भाटी को 3138 मत मिले थे, जबकि सांखला ने 2821 मत जुटाये। ताऊसर मेंं कुल 7195 मतदाताओं में से 6242 ने अपने वोट का प्रयोग किया। नतीजे आने के बाद भारी अतिशबाजी, गुलाल व फलमालाओं से भाटी का स्वागत किया गया।  माली समाज नागौर के अध्यक्ष श्री कृपाराम देवड़ा ने भाटी को बधाई दी है तथा इसे संगम पार्टी की जीत बताया है।
पुष्कर में ऐलान : राजस्थान में लायेंगे 20 विधायक                        सैनी-माली समाज की राजनीतिक हुंकार                                                   अपने नेता के लिये कभी नेगेटिव नहीं बोलें, उसकी प्रतिष्ठा करें
जिस पार्टी में भी रहें, उसमें मेहनत करके आगे बढें- मदनलाल सैनी                   पुष्कर (टाईम्स न्यूज)। भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता श्री मदनलाल सैनी ने कहा है कि जहां आप किसी राजनीतिक पार्टी में हो, वहां पार्टी का बैज लगालें, लेकिन उसके बाद आप समाज के पहले हो। समाज में पार्टी का महत्व नहीं किया जा सकता। आप जिस पार्टी में भी रहो, उसमें पूरी मेहनत करके, काम करके आगे बढो और अपना अहम स्थान बनावें।
समाज में कोई पार्टी नहीं हो
    यहां अखिल भारतीय माली सैनी सेवा सदन संस्थान भवन में सैनी पॉलिटिकल ग्रुप (व्हाट्सअप ग्रुप) के तत्वावधान में आयोजित समग्र सैनी माली समाज की प्रदेश स्तर की पहली कार्यशाला में सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने राजनीति में सफलता के  विभिन्न सूत्र समागत बंधुओं को प्रदान किये। उन्होंने कहा कि अपनी पार्टी के दिग्गजों की विशेषताओं का अध्ययन करें, फिर उनके अनुसार आप भी आगे बढें। अपनी पार्टी मे ंपूरी मेहनत करके काम करके आगे बढें। लेकिन यह भी ध्यान रखें कि समाज में पार्टी नहीं होनी चाहिये। वोट देने के लिये केवल आंखों ही आंखों में इशारा हो जाना चाहिये।
अन्य समाजों का साथ जरूरी
       श्री सैनी ने कहा कि विधायक बनने के लिये केवल अपना समाज की काफी नहीं है, बल्कि हमें सभी समाजों का सहयोग लेकर आगे बढना होगा। उनके बिना भी विधायक नहीं बना जा सकता। उन्होंने कहा कि किसी भी अधिकृत पार्टी द्वारा समाज के व्यक्ति को टिकट देकर खड़ा किया गया हो, तो यह अवश्य ध्यान रखें कि उसके सामने समाज का अन्य कोई व्यक्ति खड़ा नहीं हो पाये। उन्होंने कड़े  शब्दों मेंं कहा कि अगर ऐसा होता है तो उस व्यक्ति को सामाजिक स्तर पर दंड दिया जाने की व्यवस्था भी होनी चाहिये। उसका बहिष्कार हो अथवा उसका फिर कहीं भी सम्मान नहीं होने पाये।
निगेटिव चर्चा नहीं करें
      सैनी ने कहा कि हमारे समाज के नेताओं की कभी भी कहीं भी नेगेटिव चर्चा नहीं करें। अवसर लगे तो कहीं उनके लिये पोजेटिव चर्चा भी अवश्य करें। अपने समाज के नेता के बारे में बुराई सुनें नहीं। राजनैतिक दृष्टि से यह साधारण सी बात महत्व रखती है।
अपने नेता की प्रतिष्ठा करें
     उन्होंने कहा कि अपने नेता की प्रतिष्ठा करने का खयाल भी रखें। इसके लिये यह उदाहरण काफी होगा कि जैसे कहीं शादी वगैरह समोराह में, भोजन के कार्यक्रम में जाना हो तो यह देखें कि आपके समाज का नेता कहीं अकेला तो नहीं खड़ा है। आप थाली लेकर उसके  पास जाकर खड़े हो जावें। केवल आस पास काफी संख्या में खड़े हो जाने से ही नेता की प्रतिष्ठा होती है। दूसरे सभी लोग पूछेंगे कि यह कौन है, इसके पास बहुत सारे लोग खड़े हैं, तो पता चलेगा कि यह माली समाज का नेता है।
     सैनी ने जोर देकर कहा कि आप समाज के नेता की सुरक्षा करें, नेता आपकी सुरक्षा अवश्य करेंगा। उन्होंने कहा कि शेर जंगल की सुरक्षा करता है तो हमें शेर की सुरक्षा का जिम्मा भी उठाना चाहिये।
जिला व संभाग स्तर पर भी हो ऐसे कार्यक्रम
   उन्होनें उपस्थित समाज के राजनीतिक कार्यकर्ताओं से कहा कि वे सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ अपने अधिकतम लोगों को पुहंचाने का प्रयास करें। सरकारें अस्थाई होती हैं, लेकिन सरकारी योजनायें स्थाई होती है। उन सबकी कार्यकर्ता को जानकारी होनी चाहिये। उनका लाभ लोगों तक पहुंचाना राजनीति में मायने रखता है। उन्होंने समाज के महापुरूषों महात्मा फुले की जयंती, उनके निर्वाण दिवस आदि पर आयोजित समारेाहों  व अन्य सभाओं से जुडऩे को भी समाज से जुडऩे के लिये आवश्यक बताया और कहा कि इससे उस उम्मीदवार की ख्याति व वोट बढने में आसानी रहती है। सैनी से सैनी समाज की राजनीतिक चेतना के लियेआयोजित कार्यक्रम की सराहना की तथा कहा कि ऐसे सम्मेलन जिला व संभाग स्तर पर भी आयेाजित किये जाने चाहिये। उन्होंने कहा कि यह पहला कार्यक्रम है। इसमें मिलने वाले सुझावों व प्रतिक्रियाओं को लिखें और उन्हें एडिट करें।
राजनीति में हिस्सा लें, अपने नेताओं का मार्गदर्शन लें
      राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रदेश महासचिव अशोक सैनी ने  आह्वान किया कि राजनीति में ज्यादा से ज्यादा हिस्सा लें। उन्होंने संगठनों में आने और आगे बढने की आवश्यकता बताई। सैनी ने कहा कि अब हमें अपनी सोच बदलनी होगी, हमेंं वार्ड मेम्बर, सरपंच आदि पदों से सोच को आगे बढाना होगा। हम कहीं भी पिछड़े नहीं हैं, केवल राजनीति में पिछड़े हुये हैं। राजस्थान में हमारा समाज 15 प्रतिशत है, लेकिन हमारे नेता अशोक जी गहलोत, मदनलाल जी सैनी व प्रभुलाल जी सैनी ही है। हमें प्रदेश स्तर पर टिकट लेने की बात आती हे तो हमारे ही समाज के बंधु बाधक बन जाते हैं। हमें अपने वरिष्ठ नेताओं के मार्गदर्शन में चलना चाहिये, चाहे वे गहलोत हो, मदनलाल जी हो या प्रभुलाल जी, कोई भी हो।
पार्टियां खुद पूछेंगी कि किसको टिकट दें
    प्रदेश सैनी माली महासभा के प्रदेशाध्यक्ष ओंकारमल सैनी ने अपने सम्बोधन में कहा कि यहां आया एक-एक व्यक्ति पांच-पांच हजार के बराबर है। गांव-गांव, ढाणी-ढाणी में यह निर्देश जाना चाहिये। हमें अपने सामाजिक संगठन को मजबूत बनायें, फिर राजनीति में भी सफल बनेंगे। यहां के बाद एक बड़ा राजनीतिक सम्मेलन भी करेंगे और फिर पार्टियां खुद आयेंगी और कहेगी कि टिकट किसको देंवें। किसी के साथ अत्याचार मत होने दें। कहीं पर भी अन्याय देखें तो माली समाज एक हो जावें। उन्होंने संत लिखमीदास से आशीर्वाद लेकर काम करने की जरूरत बताई तथा कहा कि उनके आशीर्वाद से हर मनोकामना पूरी होती है।
समाज देख रहा है कि आपकी भावना क्या है
       कार्यशाला में बीकानेर से आये श्री गुलाब गहलोत ने कहा कि वे राजस्थान में 74 जगह गये हैं। सभी जगह समाज बंधु एकजुट हैं। समाज में राजनीतिक चेतना व शिक्षा की चेतना- ये दो पैदा हो गई तो हमारा माली समाज राजस्थान में नम्बंर 1 बनेगा। समाज आपकी तरफ देख रहा है, आपकी थीम देख रहा है, देख रहा है कि आपके मन में क्या है? सोच और भावना क्या है? आप अपने मन में विश्वास रखकर समाज के लिये कुछ करने का मंच बनाया तो लोग आपकेपीछे खड़े नजर आयेंंगे। हमारा समाज शिक्षा की दृष्टि से पिछड़ा हुआ है। समाज में शिक्षा के मंदिर बनाने की सोच आवश्यक हैं।
इनका भी रहा सम्बोधन
     कार्यशाला में श्री ताराचंद गहलोत पुष्कर, श्री सेवाराम दगदी परबतसर, श्री किशोर कुमर टाक जयपुर, श्री बंशीलाल माली भीलवाड़ा, श्री अशोक सैनी भादरा, श्री जगदीश कच्छावा खींवसर, श्री मोती सिंह सैनी अजमेर, श्री बीसी पंवार अजमेर, श्री सर्वेश्वर पालरिया अजमेर, श्री जयन्त परिहार चूरू, श्री शंकर लाल तंवर छापर, श्री राजेन्द्र कुमार टाक नागौर,  श्री जगदीश यायावर सांखला लाडनूं, श्री मुरलीधर सैनी सरदारशहर, श्री भंवरलाल माली जैतारण, श्री भंवरलाल धौलस्या, श्री मक्खनलाल छारोडिय़ा दिल्ली, श्री डाके अंकुश तुकाराम महाराष्ट्र, श्रीमती ललिता महरवाल जयपुर, अनिस कुमार सैनी दिल्ली, अमित सैनी सांगानेर, शंकर सैनी जयपुर, श्री भगवानाराम सांचोर, श्री माणक भाटी जैतारण, चैनाराम माली जैतारण एवं बड़ी तादाद में अन्य स्थानों से आये समाज के प्रतिनिधियों ने सम्बोधित किया।
ये रहे उपस्थित
    श्रीमती सुमित्रा आर्य लाडनूं, श्री भंवरलाल सैनी चूरू, पवन सैनी सीकर, श्री कन्हैयालाल सैनी सवाई माधोपुर, श्री अशेाक सैनी अलवर, श्री नरेश सेनी अलवर, भंवरलाल माली भीलवाड़ा,  श्री महेन्द्र शास्त्री झुंझुनूं, श्री पांचूलाल सैनी टोंक, श्री दिनेश कच्छावा बीकानेर्र श्री कैलाश गहलोत बीकानेर, श्री रामेश्वर सैनी भरतपुर, श्री छोटूलाल सांखला किशनगढ, श्री विप्लव टाक सोजत सिटी, श्री विश्वास तंवर अजमेर, मुकेश सैनी  बारां, श्री अशेाक सैनी ख्रेतड़ी, श्री मुकेश अजमेरा, बसंत कुमार कच्छावा, श्री रघुनाथ सिंह सोलंकी बीकानेर, श्री मांगीलाल भाटी जैतारण, श्री चन्द्रमोहन तंवर चूरू, श्री नरेन्द्र जमालपुरिया चूरू, श्रीदेवेन्द्र प्रताप सिंह बीकानेर, श्री प्रेमशंकर सैनी बूंदी आदि मौजूद थे।